आलसी मनुष्य की जिंदगी में।
सोना दरिद्रता का सोचक है.
पुरुषार्थी मनुष्य की जिंदगी में।
सोना भाग्य का सूचक है ।
प्रार्थना ऐसी करनी चाहिय जिस से की,
सव कुछ भगबान पर ही निर्भर है
और काम ऐसे करना चाहिय जिससे की ,
सव कुछ हम पर ही निर्भर है।
कमी लिबाश की तन पर अजीव लगती है ,
मुझे अमीर बाप की बेटी गरीव लगती है।
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है
नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा कासी है।
फर्क सिर्फ इतना है
सभी इंशान है मगर फर्क सिर्फ इतना है
कुछ जख्म देते है और कुछ जख्म भरते है
कुछ दोस्ती निभाते है और कुछ आजमाते है है।
सोना दरिद्रता का सोचक है.
पुरुषार्थी मनुष्य की जिंदगी में।
सोना भाग्य का सूचक है ।
प्रार्थना ऐसी करनी चाहिय जिस से की,
सव कुछ भगबान पर ही निर्भर है
और काम ऐसे करना चाहिय जिससे की ,
सव कुछ हम पर ही निर्भर है।
कमी लिबाश की तन पर अजीव लगती है ,
मुझे अमीर बाप की बेटी गरीव लगती है।
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है
नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा कासी है।
फर्क सिर्फ इतना है
सभी इंशान है मगर फर्क सिर्फ इतना है
कुछ जख्म देते है और कुछ जख्म भरते है
हमसफ़र सभी है मगर फर्क सिर्फ इतना है
कुछ साथ चलते है कुछ साथ छोड़ जाते है
प्यार सभी करते है मगर फर्क सिर्फ इतना है
कुछ जान देते है कुछ जान लेते है
दोस्ती सभी करते है पर फर्क सिर्फ इतना है
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