धोखा देती है अक्क्सर मासूम चहरे की चमक
हर कांच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते।
अपनों को हमेसा अपना होने का अहशास दिलाऊ
बरना
बक्त आपके अपनों को आपके बिना जीना सिखा देगा।
उसका विश्बास मत करो
जिनकी भावनाय वक्त के साथ बदल जाएं
विस्बास उनका करो जिनकी भावनाएं
वैसी ही रहे जब आपका वक्त बदल जाय।
दोपहर तक विक गया
बाजार का हर एक झूठ
और में एक सच लेकर साम तक बैठा ही रहा।
गुस्सा अकल को खा जाता है
अंधकार मन को खा जाता है
प्रायचित पाप को खा जाता है
लालच ईमान को खा जाता है
रिस्वत इंशान को खा जाती है।
हर कांच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते।
अपनों को हमेसा अपना होने का अहशास दिलाऊ
बरना
बक्त आपके अपनों को आपके बिना जीना सिखा देगा।
उसका विश्बास मत करो
जिनकी भावनाय वक्त के साथ बदल जाएं
विस्बास उनका करो जिनकी भावनाएं
वैसी ही रहे जब आपका वक्त बदल जाय।
दोपहर तक विक गया
बाजार का हर एक झूठ
और में एक सच लेकर साम तक बैठा ही रहा।
गुस्सा अकल को खा जाता है
अंधकार मन को खा जाता है
प्रायचित पाप को खा जाता है
लालच ईमान को खा जाता है
रिस्वत इंशान को खा जाती है।
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