जो यह सोचते है की वे किसी भी प्रकार की सेवा करने के योग्य नहीं है
वो नवनीत से आकर मिलें \ 146
डरपोंक अपनी मृतुय् से पहले कई बार मरते है
वो नवनीत से आकर मिलें \ 146
एक बेहतरीन इंसान अपनी जुबान से ही पहचाना जाता है
वर्ना अच्छी बातें तो दीवार पर भी लिखी होती है।
कहते है दुःख बाटने से काम होता है
पर इन्शान अपना दुःख अपनों को इसलिय नहीं बताता
ताकी वो दुःखी न हो
और दूसरों को इसलिय नहीं बताते
क्योंकि उनेह वो इस लायक नहीं समझते।
डरपोंक अपनी मृतुय् से पहले कई बार मरते है
बहादूर मोंत का सब्द और कभी नहीं बस एक बार चाहते है।
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