बस इसलिए कि कोई चीज वो नहीं करती जिस चीज के लिए आपने उसे बनाया था ,
उसका ये मतलब नहीं की वो बेकार है .
व्याकुलता असंतोष है और असंतोष प्रगति की पहली आवश्यकता है .
आप मुझे कोई पूर्ण रूप से संतुष्ट व्यक्ति दिखाइए
और मैं आपको एक असफल व्यक्ति दिखा दूंगा .
आपकी कीमत इसमें है कि आप क्या हैं ,
इसमें नहीं कि आपके पास क्या है .
कोई भी चीज जो बिके ना ,
मैं उसका आविष्कार नहीं करना चाहूँगा .
उसका बिकना उपयोगिता का प्रमाण है ,
और उपयोगिता सफलता है .
मैंने कुछ भी दुर्घटनावश नहीं किया ,
ना ही मेरे कोई आविष्कार दुर्घटना की वजह से हुए ;
वे काम द्वारा आये .
प्रौढ़ता अक्सर युवावस्था से अधिक बेतुकी होती है
और कई बार युवाओं पर अन्न्यापूर्ण भी .
No comments:
Post a comment