मानवजाति शाश्वत संघर्ष से शक्तिशाली हुई है
और ये सिर्फ अनंत शांति के माध्यम से नष्ट होगी .
संघर्ष सभी चीजों का जनक है .
जानवरों की दुनिया में इंसान मानवता के सिद्धांत से जीता या
खुद को बचाता नहीं है
बल्कि वो सिर्फ क्रूर संघर्ष के माध्यम से जिंदा रह पाता है .
सफलता ही सही और गलत का एकमात्र सांसारिक निर्णायक है.
नेतृत्व की कला … एक एकल दुश्मन के खिलाफ
लोगों का ध्यान संगठित करने और यह सावधानी बरतने में है
कि कुछ भी इस ध्यान को तोड़ न पाए .
किसी देश का नाश केवल जूनून के तूफ़ान से रोका जा सकता है ,
लेकिन केवल वो जो खुद जुनूनी होते हैं
दूसरों में जूनून पैदा कर सकते हैं .
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