लेकिन भीड़ के बीच मनुष्य एक नेतृत्वहीन राक्षस बन जाता है ,
एक महामूर्ख जानवर जिसे जहाँ हांका जाए वहां जाता है .
ज़रूरतमंद दोस्त की मदद करना आसान है ,
लेकिन उसे अपना समय देना हमेशा संभव नहीं हो पाता .
मेरी सभी फिल्मे मुश्किल में पड़ने की योजना के इर्द- गिर्द बनती हैं ,
इसलिए मुझे गंभीरता से एक सामान्य सज्जन व्यक्ति दिखने का मौका देतीं हैं .
भूरे बालों वाली औरतें मुश्किलें पैदा करती हैं .
वे यहूदियों से भी बदतर होती हैं .
एक कॉमेडी फिल्म बनाने के लिए मुझे बस एक पार्क ,
एक पुलिसकर्मी और एक सुन्दर लड़की की ज़रुरत होती है .
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