जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक
आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.
सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है,
फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
विश्व एक व्यायामशाला
है
जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.
इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं,
ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है.
हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें,
हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा , और परमात्मा उसमे बसेंगे.
भगवान् की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए ,
इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर .
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