अपनी भाषा पर ज़रा ध्यान दीजिये
अन्यथा आप अपने भाग्य खराब कर लेंगे.
मेरा मुकुट संतुष्टि है,
ऐसा मुकुट जिसका राजा-महाराजा कभी-कभार ही आनंद लेते हैं.
प्रतिकूल परिस्थितियों की उपयोगिता मधुर होती है,
जैसे कि वो मेंढक, बदसूरत और विषैला होने के बावजूद उसके सिर में अनमोल रत्न है.
कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता
बस सोच उसे ऐसा बनाती है.
हम जानते हैं की हम क्या हैं,
पर हम ये नहीं जानते की हम क्या हो सकते हैं.
नाम में क्या रखा है?
अगर हम गुलाब को कुछ और कहें तो
भी उसकी सुगंध उतनी ही मधुर होगी.
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