जो जीना चाहते हैं उन्हें लड़ने दो और
जो अनंत संघर्ष वाली इस दुनिया में नहीं लड़ना चाहते हैं
उन्हें जीने का अधिकार नहीं है .
मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं
जो आपके शत्रु हैं .
औरत ही एक मात्र प्राणी है
जिससे मैं ये जानते हुए भी की वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी ,
डरता हूँ .
प्रजातंत्र लोगों की ,
लोगों के द्वारा ,
और लोगों के लिए बनायीं गयी सर्कार है .
अगर कुत्ते की पूँछ को पैर कहें ,
तो कुत्ते के कितने पैर हुए ?
चार . पूछ को पैर कहने से वो पैर नहीं हो जाती .
मैं जो भी हूँ , या होने की आशा करता हूँ ,
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