यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है
जो आत्मा को बांधता नहीं है
बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है .
कुछ सच्चे , इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं ;
जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है
उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं .
जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो . सोचो ,
तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं .
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है .
धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं .
श्री रामकृष्ण कहा करते थे ,”
जब तक मैं जीवित हूँ ,
तब तक मैं सीखता हूँ ”.
वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है
वह पहले से ही मौत के जबड़े में है .
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