वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है ,
उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है,
क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है.
इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ देना चाहिए.
वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है ,
भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो;
लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है.
अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है.
मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है,
लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है.
कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों.
ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी.
जब आप किसी काम की शुरुआत करें ,
तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें.
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